यूं करती हे जवान, तम्ही वी अग़ुवा चे अधीन रिहा, बल्कि तम्ही सब चे सब हेके ङुजे ची सेवा चे वास्ते नरमाई लारे कमर कसली रिहा, कांकि, “नरीकार घमण्डीया चा विरोध करे, पर दीन-दयाला उपर अनुग्रह करे।”
हे ब़ाला आले, मैं तम्हानु ऐवास्ते लिखे पला जको शुरु कनु छै, तम्ही ओनु जाणा। हे जवानु, मैं तम्हानु ऐवास्ते लिखे पला कि तम्ही ओ दुष्टा उपर जय पाली। हे माई प्यारी ब़ाले, मैं तम्हानु ऐवास्ते लिखे पला कि तम्ही ब़ा नरीकारा नु जाणती गेले।