तु कूण छी जको ङुजे चे सेवक उपर दोष लावी? ओचे मजबूत रेहणे जा ढेती जाणे ओचे मालिका कनु ही सम्बन्ध राखे। बल्कि ओ मजबूत ही करला जई, कांकि प्रभु ओनु मजबूत कर सग़े।
का हुले अगर नरीकारा ने आपणा क्रोध ङिखाणने ते आपणी सामर्थ प्रकट करने ची इच्छा लारे क्रोध चे ठांवा ची, जको विनाश वास्ते तियार करली गेली हुती, बङे सब्रा लारे सहन करती गेले,