“प्रभु ची आत्मा माये उपर छै, ऐवास्ते ओणे कंगाला नु सुसमाचार सुणावणे वास्ते माया अभिषेक करला, ते मनु ऐवास्ते चुणले कि जको बन्धन मां छी वानु छुटकारे चा ते अन्धा नु सोज़ले मिलणे चा सुसमाचार चा प्रचार करे ते लताड़ले आला नु छुड़ावे।
ते सेर्फ सृष्टि कोनी, पर अम्चे उपर वी जाये कनु पवित्र आत्मा चा पेहला फल छै, आप ही आपणे भीतर चिखी, ते लेपालक हुवणे ची, यानिकि आपणे देह चे छुटकारे चा इंतजार करु पले।
येही रीति लारे आत्मा वी अम्ची दुर्बलता मां सहायता करे, कांकि अम्ही ना जाणु कि, प्राथना किसी रीति लारे करना चाही छै, पर पवित्र आत्मा आप ही इसड़ीया ङुसकीया भरती-भरती कर बियाना कनु ब़ाहर छै, अम्चे वास्ते बिनती करे।
ते ओ वांचीया आँखीया कनु सारी हींजवे लूथी गिही। ते ना ही ओठे कङी वी मौत हुवी, ते ना ङोख, ना रोवणे, ते ना दर्द हुवी। कांकि ये सारीया पुराणीया बाता हमा बीतती चुकलीया।”