ते हे माये भऊ, मैं ना चाहवी कि तम्ही ऐचे कनु अणजाण रिहा कि मैं कई वारी तम्चे गोढु आणे चाह्ले कि, जिंवे मनु होर नेरीया जातिया कनु फल मिड़ला, यूहीं तम्चे महु वी मिलो, पर मैं हमा तक मजबूरी मां रुकला रेहला।
पर जाये बन्धन मां अम्ही हुते ओचे वास्ते मरती कर, हमा व्यवस्था कनु छुटती गेले कि, लिखली आली पुराणी व्यवस्था उपर कोनी, बल्कि नरीकारा ची आत्मा ची नवीं रीति उपर सेवा करु वी।