5 ऐवास्ते अगर अम्चा अधर्म नरीकारा ची धार्मिकता ठहराती ङिये, ते अम्ही का किहुं? का ईं कि नरीकार जको क्रोध करे अन्यायी छै? ईं तां मैं इन्साना चे नजरीये लारे किहे पला।
हे प्यारे, बदला ना गेहजा, पर नरीकारा नु क्रोध चा मौका ङिया, कांकि पवित्रशास्त्रा मां लिखले आले छै, “बदला गेहणे माये काम छै, प्रभु किहे मैं ही बदला ङिही। ”
अम्ही जाणु कि व्यवस्था जको कोच्छ किहे, वा वानु ही किहे जको व्यवस्था चे अधीन छी। ताकि हर-हेक चे मुँह बन्द करले जाओ, ते सारा संसार नरीकारा चे ङण्ड चे लायक ठहरो।
कुई इसड़े वी केह सग़े, “अगर माये कूड़ा ची वजह नरीकारा ची सच्चाई ओची महिमा वास्ते ज्यादा करती कर प्रकट हुली, तां बल्ति कां पापीया आलीकर मैं ङण्ड चे लायक ठहराला जाये?”
मैं तम्ची शरीरिक दुर्बलता ची वजह इन्साना ची रीति उपर किहे। जिंवे तम्ही आपणे शरीरा चे अंगा नु कुकर्म चे वास्ते अशोद्धता ते कुकर्म चे दास बणाती कर सोंपले हुते, यूंही ही हमा आपणे शरीरा चे अंगा नु पवित्रता चे वास्ते धार्मिकता चे दास करती कर सोंपती ङिया।
तां अम्ही का किहुं? का व्यवस्था पाप छै? कङी वी कोनी! बल्कि बिना व्यवस्था चे मैं पापा नु ना पिछाणी, व्यवस्था अगर ना किहा कि, “लालच ना कर” तां मैं लालच नु ना जाणेहा।
तां ङेखा, ईं ङोख जको नरीकारा ने ङिले, ओणे तम्चे मां कितनी इच्छा जग़ाती ङिली, ते प्रत्युतर, रीस, ङर, इच्छा, धोन्न ते बदला गेहणे चा विचार पैदा करती ङिला। तम्ही सारीया बाता मां हा साबित करती ङिले, कि तम्ही ये बाते मां बेकसूर छिवा।
हे माये भऊ ते ब़ेहणी मैं तम्हानु हेक मिसाल ङिये कि जाये बारे मां तम्ही जाणा जिंवे कि अगर बन्दा ची वाचा वी पक्का हुती जाओ तां ओनु वी कुई ना टाल सग़ी ना ही घटा बधा सग़ी।
वे नरीकारा चे दास मूसा चे गीत ते मैमणे चे गीत गावी भिलते, ते किही भिलते कि “हे सर्वशक्तिमान प्रभु नरीकार, दुधी कामे बङी छी, ते अचम्भे ची छी, ओ युग-युग चा राजा, दुधी चाल सच्ची ते ठीक छै।