15 वे आपणे कामा लारे व्यवस्था चा बाता आपणे आपणे दिला उपर लिखलीया हुलीया ङिखाणी, ते वांचे विवेक वी ग़वाही ङी, ते वांचे विचार कङी दोष लावे ते कङी वानु बेकसूर ठहरावे।
जिसे बेले लौका ने ईं सुणले ते सारा महु पेहले बङा कनु लाती कर छोटा तक, वांचे महु हेक-हेक करती कर उठु खिसकु लाग़ली, ते ईशु ओठे हेकला रेहती गेला, ते वा असतरी वी उठी भिली रेहली।
बल्ति जिसे बेले नेरीया जातिया चे लौक जाये कनु व्यवस्था कोनी, सुभाव लारे ही व्यवस्था ची बाता उपर चली, तां व्यवस्था वांचे कनु ना हुवणे उपर वी वे आपणे आप वास्ते आप ही खौद्द व्यवस्था छी।
ते ऊं इन्सान जाया शरीरिक रूपा कनु बिना खतने चे रेहले, अगर ऊं व्यवस्था नु पुरी करे, तां का तनु जको लिखली आली व्यवस्था मिड़ली ते खतना करले जाणे उपर वी व्यवस्था नु ना मनी, का दोषी नी ठहरावी?
कांकि अम्ही आपणे विवेक ची, ये ग़वाही उपर घमण्ड करु, कि दुनिया मां ते खास करती तम्चे बीच मां, अम्चा व्यवहार नरीकारा चे जरिये ङिली गेली पवित्रता ते सच्चाई सहित रेहला, जको संसारिक ज्ञान चा कोनी, पर हेको नरीकारा चे अनुग्रह चा नतीजा हुता।