14 मैं जाणे, ते प्रभु ईशु कनु मनु पक्के हुले कि, कुई चीज आपणे-आप कनु अशुद्ध कोनी, पर जको कुई विनु अशुद्ध समझे, ओचे वास्ते अशुद्ध छै।
ते वाणे ओचे कोच्छ चैला नु अशुद्ध यानिकि बिना हाथ धोले रोटी खाते ङेखले।
“तम्ही जाणा, कि नेरीया जातिया लारे संगति राखणी या वांचे ओठे जाणे यहूदी वास्ते अधर्म छै, पर नरीकारा ने मनु बावड़ले कि कुई बन्दे नु अपवित्र जा अशुद्ध ना किहे।
कांकि हेक नु विश्वास छै, कि सब कोच्छ खाणे ठीक छै, पर जको विश्वासा मां कमजोर छै, ओ साग़-भाज़ी ही खाये।
खाणे नु महत्व ङिते हुले नरीकारा चे काम ना बिगाड़, सब कोच्छ शोद्ध तां छै। पर ओ बन्दे वास्ते ईं बुरे छै कुई नेरे ओचे भोज़न खाणे लारे ठोकर खाओ।
पर जको शक्क करती कर खाये, ओ ङण्ड चे लायक ठहरती चुकला, कांकि ओ विश्वास लारे ना खई, ते जको कोच्छ विश्वास लारे कोनी, ओ पाप छै।
जको कोच्छ कसाईयां चे इठे बिके ऊं खाओ ते विवेक ची वजह कनु कहीं ना पूछा।
अगर काया विवेक कमजोर छै ते ऊं तम्चे जिसड़े ज्ञानी इन्सान नु मूर्तिया चे मन्दरा मां चढ़ावा खाते ङेखती गिहो तां का ओनु वी मूर्ति नु चढ़ाली चीजा खाणे ची हिम्मत नी मिली?
पर सब नु हा ज्ञान कोनी। पर कई लौक हमा तक मूर्ति नु ईश्वर समझती कर बलि ची चीज नु खई, तां वे सोची अम्ही अशुद्ध हुती गेले कांकि वांचा विवेक कमजोर छै।
कांकि नरीकारा ची रचली आली हर हेक चीज आच्छी छै, ते कुई वी चीज मना करने चे लायक कोनी, पर हा कि धन्यवाद चे लारे खाली जाओ।
शोद्ध लौका वास्ते सारीया बाता शोद्ध छी, पर अशुद्ध ते अविश्वास वास्ते कोच्छ वी शोद्ध कोनी, बल्कि वांचा दिमाक ते विवेक ङोनी अशुद्ध छी।