5 ऐवास्ते ओचे अधीन रेहणे जरुरी छै, ते ना सेर्फ ओचे क्रोध ची वजह कनु पर तम्चे आपणे विवेक ची वजह कनु वी।
ऐचे कनु मैं आप वी जत्तन करे पला कि नरीकारा ची, ते इन्साना ची तरफ माया विवेक सदा निर्दोष रिहो।
ऐवास्ते लगान वी ङिया, कांकि शासन करने आले नरीकारा चे सेवक छी, ते सदा ऐह कामा मां लाग़ले रिही।
अम्चे वास्ते लगातार प्राथना करते रिहा कांकि अम्हानु भरोसा छै कि अम्चा विवेक शोद्ध छै, ते अम्ही सारीया बाता मां आच्छी चाल चलणे चाहु।
कांकि अगर कुई नरीकारा चे प्रति सचेत रेहते हुले अन्याय चे ङोख भोग़ते हुले क्लेश सहन करे, तां ऊं प्रशंसा चे काम छै।
ते आपणे विवेक नु वी शोद्ध राखा, ऐवास्ते कि जिसीया बाता चे बारे मां वे जको मसीह मां तम्चे आच्छे चाल-चलन चा अपमान करी, शर्मसार हो।