15 कांकि वांचे नकारले जाणे संसारा चे मिलाप ची वजह हुली, ते का वांचे ग्रहण करले जाणे मरला आला महु जीते हुवणे चे बराबर नी हुवी?
कांकि माया हा पूत मरती गेलता, हमा जीता हुती गेला, गार हुती गेलता ओ लाभती गेला।’ ते बल्ति वे खुशीया मनाऊं लाग़ले।
पर हमा खुशीया मना ते मगन हो कांकि दुधा भऊ मरती गेलता बल्ति जीता हुती गेला, गार हुती गेलता हमा लाभती गेला।’ ”
जको विश्वासा मां कमजोर छै, ओनु आपणी संगति मां गेहती गिहा, पर ओचे विचारा उपर बेहस-बाजी करने जरुरी कोनी।
ओ, जको सब कोच्छ खाणे आला छै, ओनु तोच्छ नजरीये लारे ना ङेखो, जको सब कोच्छ ना खई, यूं करती, सब कोच्छ ना खाणे आला, ओचे उपर दोष ना लावा, जको सब कोच्छ खाये, कांकि नरीकारा ने वानु ग्रहण करले।
कि समया चे पुरे हुवणे चा इसड़ा प्रबन्ध हो कि जको कोच्छ स्वर्ग़ा मां छै ते जको कोच्छ धरती उपर छै, सब कोच्छ नरीकार मसीह मां भेले करो।
ते साढे तीन ङिहां चे बाद नरीकारा ची ओर कनु जीवन ची आत्मा वांचे मां घिरती गेली, ते वे आपणे पग़्ग़ा चे दमा उपर भिले रेहती गेले, ते वानु जको ङेखी भिलते ले वे ब़ोहत घणे ङरती गेले।