26 ऐवास्ते नरीकारा ने वानु नीच कामना चे वशा मां छोड़ती ङिले। इठे तक कि वांचीया असतरीया वी सुभाविक यौन सम्बन्धा नु छोड़ती कर असुभाविक यौन सम्बन्ध करु लाग़लीया।
का तम्ही ना जाणा, कि अन्यायी लौक नरीकारा चे राज़ चे वारिस नी हुवे? धोक्का ना खावा, ना वेश्यागामी, ना मूर्तिपूजक, ना परअसतरी गामी, ना लुच्चे, ना पुरुषगामी,
व्यभिचार करने आले, पुरुषगमन करने आले, बन्दा नु बेचणे आले, कूड़ मारणे आले, ते कूड़ी कसम खाणे आले, ते याहनु छोड़ती कर खरे उपदेश चे सारे विरोधीया चे वास्ते ठहराली गेली।
जिंवे करती सदोम ते अमोरा ते वांचे आस-पास चे शहर, जको वांचे आलीकर व्यभिचारी हुती गेलते ते बुराई चे मार्ग़ उपर टुरती पले। वानु कङी ना ब़िझणे आले जाखते मां नाखती ङेणे चा ङण्ड ङिला गेला, वे अम्चे वास्ते मिसाल चे रुप मां ठहराले गेले।