17 कांकि ओचे मां नरीकार ची धार्मिकता विश्वास लारे ते विश्वास चे वास्ते प्रकट हुवे, जिंवे पवित्रशास्त्रा मां लिखले पले, “धर्मी जन विश्वास लारे जीते रिही।”
जको पूता उपर विश्वास करे अनन्त जीवन ओचा छै, पर जको पूता नु ना मनी ओह जीवन नु नी ङेखी, पर नरीकार चा गुस्सा ओचे उपर रिहे।
कांकि वे नरीकारा ची धार्मिकता लारे अणजाण हुती कर, आपणी धार्मिकता स्थापित करने चा जत्तन करती कर, नरीकारा ची धार्मिकता चे अधीन कोनी हुले।
पर हमा बिना व्यवस्था, नरीकारा ची धार्मिकता उजागर हुली, जाई ग़वाही व्यवस्था ते भविष्यवक्ता ङी,
यानिकि नरीकारा ची वा धार्मिकता जको वां सब वास्ते छै, जको मसीह ईशु उपर विश्वास करी, वां सब विश्वास करने आला वास्ते बिना कुई भेद-भाव लारे छै।
अगर कोच्छ वांचे महु विश्वासयोग ना निकड़ले तां का हुले? का वांचे विश्वासयोग ना हुवणे लारे नरीकारा ची विश्वासयोगता खत्तम हुती जई? कङी वी ना।
तां अम्ही का किहुं? ईं कि नेरीया जातिया ने जको धार्मिकता ची खोज ना करी, धार्मिकता हांसिल करली यानिकि वे धार्मिकता नु जको विश्वास लारे छै।
अगर जब दोषी ठहराणे आली व्यवस्था तेजोमय हुती, तां धर्मी ठहराणे आली व्यवस्था होर वी तेजोमय कां नी हुवी?
मसीह जको पापा कनु निष्पाप हुता, ओनु ही नरीकारा ने अम्चे वास्ते पाप ठहराला, कि अम्ही ओचे मां हुती कर नरीकारा ची धार्मिकता चे भाग़ी हुती जऊं।
पर हा बात प्रकट छै कि व्यवस्था चे जरिये नरीकारा चे इठे कुई धर्मी ना ठहरी कांकि “धर्मी जन विश्वास लारे जीते रिही।”
ते ओचे मां ही लाभे माई वे धार्मिकता ची वजह कनु ना जको व्यवस्था चे विधान उपर टिकली हुती, बल्कि वे धार्मिकता ची वजह कनु जको मसीह मां विश्वास ची वजह कनु मिले, जको नरीकारा कनु मिले ते जाया अधार विश्वास छै।
ते माया धर्मी जन विश्वास लारे जीता रिही, ते अगर ओ भांसु हटती जाओ तां माये मन ओकनु खौश नी रिही।”