प्रकाशितवाक्य 4:6 - ओङ राजपूत6 ते ओ सिंहासन चे सामणे मना बिल्लौर आलीकर शीशे चा समुन्दर छै। सिंहासन चे आधे मां ते सिंहासन चे चारो-तरफ चार जीती जींये छी जाये आग़ु-भांसु आँख ही आँख छी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
ते मैं वां चाहरी जीते जींया चे बिचु हेक अवाज हा केहते हुले सुणली, “आणे आले समय उपर धरती उपर अकाल पड़ी, हेके ङिहां ची ङिहाड़ी चे बदले ब़स हेके ङिहां चे खाणे ची कणक मेल सग़ी, ते हेके ङिहां ची ङिहाड़ी चे बदले ब़स तीन ङिहां चे खाणे चे जाओ मेल सग़े। पर जैतून चे तेल ते दाखरस चे कीमत मां कुई बदलावट नी हुवी।”