जको कुई ये व्यभिचार ते पापी जाति चे बीच माये कनु ते माया बाता कनु लज़ावी, मैं इन्साना चा पूत वी जिसे बेले पवित्र स्वर्ग़दूता चे लारे आपणे ब़ा नरीकारा ची महिमा लारे आवी, तब ओकनु वी लज़ावी।”
“हे ब़ा, मैं चाहवे कि जानु तु मनु ङिले जिठे मैं छै ओठे वे वी माये लारे हो, कि वे माई वा महिमा ङेखो, जको तु मनु ङिली कांकि तु संसारा ची उत्पत्ति चे पेहले माये लारे प्रेम राखला।
ये वे बन्दी छी यांणे कुई असतरी लारे आपणे आप नु गन्दे कोनी करले। कांकि वे कुंवारे हुते, ते जिठे-किठे मैमणे जते, वे बन्दी ओचे भांसु टुरती पड़ती। सारी इन्सानी जाति कनु मोल गेहती कर छुड़ाती गेले ते। वे नरीकारा चे ते मैमणे चे वास्ते रहड़ी चे पेहले फल हुते।
तब मैं ओ सिंहासन ते चाहरी जींया ते प्राचीना चे बीच मां, हेक मैमणे भिले आले ङेखले, ऊं इसड़े ङिसे भिलते ले जिंवे कि बलि चढ़ाले गेले हो, ओचे सात सींगे ते सात आँख हुतीया ये नरीकारा चीया सात आत्मा छी जको सारी धरती उपर भेज़लीया गेलीया।
कांकि मैमणे जको सिंहासना चे आधे मां छै वांची ङेखभाल करी, ते जीवन रूपी पाणीया चे सौत्ते चे गोढु गेहती गेले करी, ते नरीकार वांचीया आँखीया महु सारी हींजवे लूहती नाखी।”