18 ते ओ शहरा ची कंधे ची जुड़ाई यशब नांवा ची रतन ची हुती, ते शहर इसड़े शोद्ध सोने चा हुता, जा ते बल्ति साफ-सुथरे शीशे आलीकर हो।
नरीकारा ची महिमा ओचे मां हुती, ते ओचे सोज़ले घणे बेशकीमती पत्थरा आलीकर हुते, यानिकि बिल्लौर चे आलीकर यशब आलीकर साफ-सुथरी हुती।
ते ओ शहरा चा कंधा चा नीमा हर-तरहा चे बेशकीमती पत्थरा लारे सजाली गेली हुती, पेहली नीम यशब ची हुती, ङुजी नीम नीलमणि ची, तीजी लालड़ी ची, चौथी मरकत ची।
ते ब़ारहा दरवाजी, ब़ारहा मोतीयां चे हुती, हेक-हेक दरवाजे, हेक-हेक मोतीयां लारे बणले आले हुते, ते शहरा ची सड़क साफ-सुथरे शीशे आलीकर शोद्ध सोने ची हुती।
ते ओ सिंहासन चे सामणे मना बिल्लौर आलीकर शीशे चा समुन्दर छै। सिंहासन चे आधे मां ते सिंहासन चे चारो-तरफ चार जीती जींये छी जाये आग़ु-भांसु आँख ही आँख छी।