प्रकाशितवाक्य 20:15 - ओङ राजपूत15 ते जाये काये नां “जीवन ची किताबे” मां लिखले आले कोनी मिड़ले, ओ जाखते ची झील मां नाखला गेला। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
ते ऊं ङरावणे ढौर ते ओचे लारे ओ कूड़ा भविष्यवक्ता पकड़ीला गेला, जेह्णे ओचे सामणे इसड़े चैन्ह ङिखाणले हुते, जाये जरिये ओणे वानु भरमाले हुते, जाणे ओ ङरावणे ढौरा ची मौहर लवाली हुती, ते जको वे मूर्ति ची पूजा करते। ऊं ङरावणे ढौर ते कूड़े भविष्यवक्ता नु जीते-जी ओ जाखते ची झील मां जको गन्धक लारे ब़लती रिहे, नाखती ङिले गेले।