प्रकाशितवाक्य 14:18 - ओङ राजपूत18 बल्ति हेक नेरा स्वर्ग़दूत, जानु जाखते उपर अधिकार हुता, वेदी महु निकड़ला, ते जाये कनु तेज धारी ची ङातरी हुती, ओनु ऊंची अवाजी लारे केहले, “आपणी तेज धारी ची ङातरी लारे धरती चे अंगूरा चे ग़ुच्छे बाढती गे, कांकि यिचे अंगूर पकती चुकले।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |