प्रकाशितवाक्य 14:15 - ओङ राजपूत15 बल्ति हेक नेरे स्वर्ग़दूता ने मन्दरा महु निकलती कर ओनु, जको बदला उपर ब़ेहला हुता, बङी अवाजी लारे केहले, “आपणी ङातरी चती कर रहड़ी नु बाढणे ची तियारी कर, कांकि रहड़ बाढणे चा समय आती गेला। ऐवास्ते कि धरती ची रहड़ पकती चुकली।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |