49 “कांकि हर हेक जन जाखते लारे नमकीन करले जई।
“तम्ही धरती चे लूण छिवा, पर अगर लूणा चा स्वाद बिगड़ती जाये, तां ऊं बल्ति किसी चीजे लारे नमकीन करले जई? बल्ति ऊं कुई कामा चे कोनी, सेर्फ ऐचे कि ब़ाहर भुकाले जई ते बन्दा चे पग़्ग़ा तले लुथोड़ले जाओ।
नर्का चे कीड़े कङी ना मरी, ते जाखते कङी ना ब़िझी।
“लूण आच्छे छै, पर अगर लूणा चा स्वाद बिगड़ती जाये तां बल्ति किसी चीजे लारे नमकीन करले जई? “आपणे मां लूण राखा ते हेके ङुजे लारे प्यारा लारे रिहा।”