21 ओणे वानु केहले, “का तम्ही हमा तक कोनी समझले?”
कांकि वांचे मन कठोर हुती गेलते, ऐवास्ते वे रोटीया चे आश्चर्य कर्म चे बारे मां कोनी समझले हुते।
ईशु ने आपणी आत्मा मां आंह भरती कर केहले, “ऐ समय चे लौक कां चैन्ह सोधी? मैं तम्हानु सच्च किहे पला कि ऐ समय चे लौका नु कुई नेरा चैन्ह नी ङिला जई।”
ईं जाणती कर ईशु ने वानु केहले, “तम्ही कां आपस मां हा विचार करा पले कि अम्चे कनु रोटी कोनी? का हमा तक ना जाणा ते ना समझा? का तम्चे मन कठोर हुती गेले?
बल्ति वे बैतसैदा आले, कई लौक हेक अन्धे नु ईशु कनु आणले ते बिनती करली कि ऐनू हाथ ला।
ईं सुणती कर ईशु ने उत्तर ङिला ते वानु केहले, “हे अविश्वासी लौक, मैं कब तक तम्चे लारे रिही? ते कब तक तम्ची सेहता रिही ? ओनु माये गोढु गेहती आवा।”
ईशु ने ओनु केहले, “हे फिलिप्पुस, मैं इतने ङिहां तक तम्चे लारे छै, का तु मनु ना जाणी? जेह्णे मनु ङेखले ओणे ब़ा नु ङेखले। बल्ति तु कां किही, ‘ब़ा नु अम्हानु ङिखाण’?
खबरदार हुती जावा, पाप करने छोड़ती ङिया। ईं मैं तम्हानु कायल करने वास्ते ही किहे पला कांकि तम्चे महु कोच्छ तां नरीकारा नु जाणी ना।
मैं तम्हानु कायल करने वास्ते ईं किहे पला। का सच्चमां तम्चे महु हेक वी दिमाकदार कोनी जको आपणे भावां चा न्यां कर सग़ो?