42 ते छुवेर तुरन्त उठती कर टुरु फिरु लाग़ली, कांकि वा ब़ारहा साला ची हुती। ऐचे उपर लौक ब़ोहत अचम्भा करु लाग़ले।
ऐचे उपर सब लौक अचम्भा करते हुले, आपस मां बहस-बाजी करु लाग़ले, “हा का बात छै? हा तां कुई नवां उपदेश छै, ओ अधिकारा लारे अशुद्ध आत्मा नु वी आज्ञा ङिये, ते वे ओची आज्ञा मनी।”
वे ब़ोहत ही ङरती गेले ते आपस मां ब़ोले, “हा कूण छै कि अन्धारी ते पाणी वी ऐची आज्ञा मनी?”
ओणे छुवेरी चा हाथ पकड़ती कर विनु केहले, “तलीता कुमी!” जाया मतलब छै, “हे छुवेर, मैं तनु किहे, ऊठ!”
ईशु ने चिताती कर केहले, “हा बात कुई जाण ना सग़ो,” ते केहले, “यिनु कहीं खाणे वास्ते ङिया।”
बल्ति ओ वांचे गोढु ब़ेड़ी उपर आला, ते हवा रुकती गेली। ते वे ब़ोहत ही अचम्भा करु लाग़ले।
ते बन्दा नु अचम्भा हुती गेला ते किहुं लाग़ले, “ईशु जको करे भले करे। इठे तक कि ओ बहरा नु सुणने वास्ते ते गूंगा नु ब़ोलणे वास्ते ताकत ङिये।”