ओणे वानु केहले, “आपणे विश्वास ची कमी ची वजह, कांकि मैं तम्हानु सच्च किहे पला, अगर तम्हानु राई चे ङाणे चे बराबर वी विश्वास हो, तां ऐ पहाड़ा नु केह सग़ा, ‘इठु सरकती कर ओठे चाह्ला जा’ तां ओ चाह्ला जई, नेरी कुई बात तम्चे वास्ते असम्भव नी हुवी।
ईशु वानु ये बाता किहे ही पलता, कि ङेखा, हेक हाकिमा ने आती कर ओनु नमस्कार करली ते केहले, “माई धूउ हमा मरली, पर चालती कर आपणा हाथ विचे उपर मेहल, तां वा जीती हुती जई।”