ऐचे उपर सब नु अचम्भा हुला, ते वे आपस मां बाता करती कर किहुं लाग़ले, “हा किसड़ा वचन छै? कांकि ओ अधिकार ते सामर्थ चे लारे अशुद्ध आत्मा नु आज्ञा ङिये ते वे निकलती जई।”
तब ओणे वानु केहले, “तम्चा विश्वास किठे हुता?” पर वे ङरती गेले ते हैरान हुती कर आपस मां किहुं लाग़ले, “हा कूण छै जको अन्धारी ते पाणीया नु वी आज्ञा ङिये, ते वे ओची मनी।”
हे प्रभु दुधे कनु कूण नी ङरी? ते दुधे नांवा ची महिमा कूण नी करी? कांकि सेर्फ तु ही पवित्र छी, ते सारीया जातिया आती कर दुधे सामणे ङण्डवत करे, कांकि दुधे न्यां चे काम उजागर हुती गेले।”