21 “नवें ओढ़णा ची टाकी पुराणे ओढ़णा उपर कुई ना लावी, ना तां वा टाकी ओ ओढ़णा कनु कोच्छ छिकती गिही, यानि नवां, पुराणे कनु, ते ओ पेहले कनु ज्यादा फड़ीती जई।
“नवें ओढ़णा ची टाकी पुराणे ओढ़णा उपर कुई ना लावी, कांकि वा टाकी ओ ओढ़णा कनु कोच्छ नेरे छिकती गिहे, ते ऊं ओढ़ण ज्यादा फड़ीती जाये।
पर वे ङिहें आवे बीन्द वाकनु अलग़ करला जई, ते बल्ति वे ओ समय उपवास राखे।
नवां अंगूरा चा रस नु पुराणीया मशका मां कुई ना भरी, ना तां नवां अंगूरा चा रस पुराणीया मशका नु फाड़ती नाखी, ते नवां अंगूरा चा रस ते मशका ङोनी नाश हुती जाये, पर नवां अंगूरा चा रस नवींया मशका मां भरला जाये।”
ओणे हेक नेरी मिसाल वी वानु केहली, “कुई बन्दे नवें ओढ़णा महु फाड़ती कर पुराणे ओढ़णा मां टाकी ना लावी, ना तां नवां फड़ीती जई ते वा टाकी पुराणे मां मेल वी नी खई।
तम्ही कुई इसड़ी परीक्षा मां कोनी पड़ले, जको इन्साना चे सेहणे कनु ब़ाहर छै। ते नरीकार भरोसेमन्द छै ओ तम्हानु कुई इसड़ी परीक्षा मां नी पड़ु ङी, जको तम्चे सेहणे कनु पार हो। पर ओ परीक्षा चे लारे उपा वी करी कि तम्ही मजबूत रेह सग़ा।