13 बल्ति ईशु गलील ची झील चे किनारे गेला ते सारी भीड़ ओचे गोढु आली, ओ वानु शिक्षा ङिऊं लाग़ला।
ओही ङिओ ईशु घरा महु निकलती कर झील चे किनारे जती ब़ेहला।
उठु उग़ते बधती कर ईशु ने मत्ती नांवा चे हेक बन्दे नु चुंगी गेहणे आले चौकी उपर ब़ेहले ङेखले, ते ओनु केहले, “माये भांसु आती जा।” ओ उठती कर ओचे भांसु टुरती पला।
पर ओ ब़ाहरु जती कर ये बाते नु बावड़ती ङिले कि ईशु बल्ति खुलती कर शहरा मां कोनी जा सग़ला पर बरब्याना मां रेहला ओठे वी हर जग़हा कनु बन्दी आवी पलती।
बल्ति ईशु उठु उठती कर यरदन नदी चे पार यहूदिया ची हद्दी मां आला। भीड़ ओचे गोढु बल्ति भेली हुती गेली। ते ओ आपणी रीति चे अनुसार वानु बल्ति उपदेश ङिऊं लाग़ला।
बल्ति इतनी बन्दी भेली हुली कि पग़्ग़ मेहलणे ची जग़हा कोनी हुती, दरवाजे चे ब़ाहरु तक जग़हा वी कोनी हुती, ओ वानु नरीकारा चा वचन सुणावे पलता
ईशु झील चे किनारे उपदेश ङिऊं लाग़ला, ते ओचे गोढु इसड़ी बङी भीड़ भेली हुली कि ओ झील मां हेक ब़ेड़ी उपर चढ़ती कर ब़ेसती रेहला ते सारी भीड़ भोंये उपर झील चे किनारे लारे भिली रेहली।
पर कुई तरीका नी सोध सग़ले, कि ईं किवें करु, कांकि सारे लौक ओचीया बाता नु बङे शोंका लारे सुणते।
ते सवेले-सवेले सारी बन्दी ओचीया बाता नु सुणने चे वास्ते मन्दरा मां ओचे गोढु आती।