23 ओठे ओनु मुर्र मिड़ला आला अंगूरा चा रस पीणे वास्ते ङिला पर ओणे कोनी पीला।
तां चैला ने ईशु ची आज्ञा मनली ते फसह चा भोज़ तियार करला।
वाणे पित्ते मिलाले हुले अंगूरा चा रस ओनु पीणे वास्ते ङिला, पर ओणे चाखती कर पीणा ना चाह्ला।
मैं तम्हानु सच्च किहे पला कि अंगूरा चा रस ओ ङिओ तक कङी नी पिही, जब तक नरीकारा चे राज़ मां नवां ना पीयें।”
कांकि मैं तम्हानु किहे पला कि जब तक नरीकारा चा राज़ ना आवी तब तक मैं अंगूरा चा रस हमा कनु कङी नी पिही।”
सिपाही वी गोढु आती कर ते सिरका ङिती कर ओचा मखोल करती कर किही पलते,