68 ओ मुकरती गेला ते केहले, “मैं ना ही जाणे ते ना ही समझे कि तु का किही पली।” बल्ति ओ ब़ाहर पोड़ीया मां गेला, ते कूकड़े ने बांग ङिली।
पतरस दूर ही दूर ओचे भांसु-भांसु महायाजक चे बेहड़े चे भीतर तक गेला, ते पाहरेदारा लारे ब़ेसती कर जाखते सेकु लाग़ती गेला।
वे दासी ने ओनु ङेखती कर वानु जको गोढु भिले हुते, बल्ति किहुं लाग़ली, “हा वांचे महु हेक छै।”
पर ओ बल्ति मुकरती गेला। थोड़ी देर बाद वाणे जको ओठे भिले हुते बल्ति पतरस नु केहले, “सच्चमां तु वांचे महु हेक छी, कांकि तु गलीली वी छी।”
बल्ति तुरन्त ङुजी वारी कूकड़े ने बांग ङिली। पतरस नु वा बात जको ईशु ने ओनु केहली हुती याद आली, “कूकड़े चे ङोन वारी बांग ङेणे कनु पेहले तु तीन वारी माया इन्कार करे।” ते ओ ये बाते नु सोचती कर रोऊं लाग़ला।