56 कांकि ब़ोहत से ओचे विरोध मां कूड़ी ग़वाही ङी पलते, पर वांची ग़वाही हेक जिसड़ी कोनी हुती।
प्रधान याजक ते सारी महासभा ईशु नु मारती नाखणे वास्ते ओचे विरोध मां कूड़ी ग़वाही ची खोज मां हुते, पर कोनी मिड़ली।
बल्ति कोच्छ लौका ने खड़े हुती कर ओचे विरोध मां हा ग़वाही ङिली,
ते ग़वाही ङेणे आले तीन छी। आत्मा, ते पाणी, ते लुहीं, ये तीन ग़वाह आपस मां हेक बाते पे राजी छी।