13 ओणे आपणे चैला महु ङुंहु नु ईं केहती कर भेज़ले, “शहरा मां जावा, ते हेक बन्दे पाणीया चा घड़ा चले हुले तम्हानु मिली, तम्ही ओचे भांसु हुती पड़जा।
कांकि मैं वी प्रायधीन इन्सान छै, ते सिपाही माये अधीन छी। जब मैं हेके नु किहे, ‘जा,’ तां ओ चाह्ला जाये, ते ङुजे नु किहे, ‘आ,’ तां ओ आती जाये। ते जब आपणे कुई दासा नु किहे, ‘ईं कर,’ तां ओ करे।”
अखमीरी रोटी चे तेंहवारा चे पेहले ङिओ, जाये मां वे फसह चा बलिदान करते, ओचे चैला ने ओकनु पूछले, “तु किठे चाहवी कि अम्ही जती कर दुधे वास्ते फसह खाणे ची तियारी करु?”
ते ओ जिसे घरा मां जाये, ओ घरा चे मालिका नु केहजा, ‘गुरु किहे पलता कि माये मेहमान खाने किठे छै जिठे मैं आपणे चैला लारे फसह चा भोज़ खई?’
जको कहीं आज्ञा मैं तम्हानु ङिये अगर ओनु तम्ही मना तां माये मित्र छिवा।
ओची आई ने सेवका नु केहले, “जको कहीं वी ओ तम्हानु किहे, ऊंही करने।”
ते सृष्टि ची कुई चीज नरीकारा कनु लुकली आली कोनी, जानु अम्ही लेखा ङेणा। सारीया चीजा ओचे सामणे साफ ते खुड़लीया आलीया छी।
ते सेद्ध बणती कर ओ खौद्द वां सब वास्ते जको ओची आज्ञा चा पालन करी अनन्त काल वास्ते उद्धार ची वजह बणती गेला।