43 तब ओणे आपणे चैला नु गोढु हकारती कर वानु केहले, मैं तम्हानु सच्च किहे पला कि मन्दरा चे भण्डार मां नाखणे आला महु ये कंगाल बांढी ने सबकनु बधती कर नाखले।
जको कुई यां छोटा महु हेके नु माया चैला जाणती कर सेर्फ हेक मुंगर ठाडे पाणी पिलावे, मैं तम्हानु सच्च किहे पला, ओ किसी रीति लारे आपणा प्रतिफल नी गुंवी।”
इतने मां हेक कंगाल बांढी ने आती कर ङोन दमड़ीया, जको हेक अधेले चे बराबर हुवी नाखलीया।
कांकि सब ने आपणी धन ची बढ़ोतरी महु कोच्छ नाखले। पर यिणे आपणी घटी महु जको विचे हुते, यानि आपणी जीविका नाखती ङिली।
ये बाता ओणे मन्दरा ची दान पेटी चे गोढु भिले रेहती कर उपदेश ङिते हुले केहलीया। ते किह्णी वी ओनु कोनी पकड़ले, कांकि ओचा समय हालि तक कोनी आला हुता।
बल्ति चैला ने फैंसला करला कि हर हेक आपणी-आपणी पूंजी चे अनुसार यहूदिया प्रदेस मां रेहणे आले विश्वासी भावां ची मदत वास्ते कोच्छ भेज़ु।
कांकि अगर मना ची तियारी हो, तां दान ओचे अनुसार ग्रहण वी हुवे, जको ओचे कनु छै, ना कि ओचे अनुसार जको ओचे कनु कोनी।
कि क्लेश ची बङी परीक्षा मां वांची बङी खुशी, ते भारी कंगाली मां हेक हुती कर वांची उदारता ब़ोहत बधती गेली।