41 ईशु मन्दरा मां भण्डार चे सामणे ब़ेसती कर ङेखे पलता कि लौक मन्दरा चे भण्डार मां किवें करती पैसे नाखी, ब़ोहत से धनवाना ने ब़ोहत कोच्छ नाखले।
प्रधान याजका ने वां सिक्का नु चती कर केहले, “याहनु मन्दरा मां मेहलणे ठीक कोनी, कांकि हा लुहींया ची कीमत छै।”
इतने मां हेक कंगाल बांढी ने आती कर ङोन दमड़ीया, जको हेक अधेले चे बराबर हुवी नाखलीया।
ये बाता ओणे मन्दरा ची दान पेटी चे गोढु भिले रेहती कर उपदेश ङिते हुले केहलीया। ते किह्णी वी ओनु कोनी पकड़ले, कांकि ओचा समय हालि तक कोनी आला हुता।