34 पर फरीसिया ने केहले, “हा तां दुष्टात्मा चे सरदार ची सहायता लारे दुष्टात्मा नु काढ़े।”
चैले, गुरु चे ते दास चे मालिक चे बराबर हुवणे ही ब़ोहत छै। जब वाणे घरा चे मालिक नु शैतान, केहले तां ओचे घरा आला नु का कोच्छ नी किहे।
“ते यूहन्ना बपतिस्मा ङेणे आला ना खाता आला ते ना पीता आला, ते वे किही, ‘ओचे मां दुष्टात्मा छै।’
तब लौक हेक अन्धे-गूंगे नु जाये मां दुष्टात्मा हुती। ईशु चे गोढु गेहती आले, ते ओणे ओनु ठीक करले, ते ओ ब़ोलु ते ङेखु लाग़ला।
भला, अगर मैं बालजबुल ची सहायता लारे दुष्टात्मा नु काढ़े, तां तम्चे वंश काई सहायता लारे काढ़ी? ऐवास्ते वे ही तम्चा न्यां करे।
शास्त्री वी जको यरुशलेम कनु आले हुते, ईं केहते, “ओचे मां शैतान छै, ते ओ दुष्टात्मा चे सरदार ची सहायता लारे दुष्टात्मा नु काढ़े।”
पर वांचे महु कोच्छ लौका ने केहले, “हा तां बालजबुल जको दुष्टात्मा चा सरदार छै ओची सहायता लारे दुष्टात्मा नु काढ़े।”
कांकि जको कुई बुराई करे ऊं सोज़ले लारे बैर करे, ते सोज़ले चे गोढु ना आवी इसड़े ना हो कि वांचे काम उजागर ना हुती जाओ।
लौका ने उत्तर ङिला, “दुधे मां दुष्टात्मा छै। कूण तनु मारती नाखणे चाहवे?”