बल्कि कुई केह सग़े, कि “तनु विश्वास छै, मैं कर्म करे पला।” तु आपणा विश्वास मनु कर्म बिना तां ङिखाण, ते मैं आपणा विश्वास आपणे कामा चे लारे तनु ङिखाणी।
का सौत्ते चे हेके ही मुँहा कनु मीठे ते खारे पाणी ये ङोनी निकली? हे माये भऊ, का अंजीर चे ब़ूटे कनु जैतून, जा तां बल्ति अंगूरा ची बल्ही मां अंजीर लाग़ सग़ी? यूंही खारे सौत्ते कनु मीठे पाणी ना निकल सग़ी।