जको कुई राज़ चा वचन सुणती कर ना समझी, ओचे मना मां जको कोच्छ राहले गेले हुते, ओनु ओ दुष्ट आती कर खोसती कर चाह्ला जाये, ईं ऊंही बीज छै, जको मार्ग़ चे किनारे राहले गेले हुते।
तम्ही आपणे ब़ा शैताना ची ऊलाद्ध छिवा, ते आपणे ब़ा ची इच्छा नु पुरी करने चाहवा। ओ तां शुरु कनु हत्यारा छै, ते सच्च उपर कोनी रुकला, कांकि सच्च ओचे मां छै ही कोनी। जिसे बेले ओ कूड़ मारे, तां आपणे सुभाव लारे ही कूड़ मारे, कांकि ओ कूड़ा छै, बल्कि कूड़ा चा ब़ा छै।
पर हे माये भऊ, सब महु सिरे ची बात हा छै कि कसम ना खाजा, ना स्वर्ग़ा ची, ना धरती ची, ते ना ही कुई नेरी चीजे ची, पर तम्ची बातचीत “हां” ची “हां,” ते “ना” ची “ना” हो कि तम्ही ङण्ड चे लायक ना बणा।
हे ब़ाला आले, मैं तम्हानु ऐवास्ते लिखे पला जको शुरु कनु छै, तम्ही ओनु जाणा। हे जवानु, मैं तम्हानु ऐवास्ते लिखे पला कि तम्ही ओ दुष्टा उपर जय पाली। हे माई प्यारी ब़ाले, मैं तम्हानु ऐवास्ते लिखे पला कि तम्ही ब़ा नरीकारा नु जाणती गेले।
ते कैन चे समान ना बणा, जाया रिश्ता शैताना लारे हुता, जेह्णे आपणे भावां नु मारती ङिलते। ओनु किसी वजह लारे मारले हुते? ऐवास्ते कि ओचे काम बुरे हुते, ते ओचे भऊ हाबिल चे काम धर्म चे हुते।