33 “तम्ही ईं वी सुणती चुकले पेहले चे लौका नु केहले गेले, ‘तम्ही कूड़ी कसम ना खाजा, पर प्रभु वास्ते आपणी कसम नु पुरी करजा।’
“तम्ही सुणती चुकले कि पेहले समय चे लौका नु केहले गेलते कि ‘हत्या ना करजा,’ ते ‘जको कुई हत्या करी, ऊं कचेहरी मां ङण्ड चे लायक हुवी।’
“तम्ही सुणती चुकले छिवा कि केहले गेलते, ‘व्यभिचार ना करजा।’
व्यभिचार करने आले, पुरुषगमन करने आले, बन्दा नु बेचणे आले, कूड़ मारणे आले, ते कूड़ी कसम खाणे आले, ते याहनु छोड़ती कर खरे उपदेश चे सारे विरोधीया चे वास्ते ठहराली गेली।