25 “जब तक तु आपणे मुद्दई चे लारे मार्ग़ा मां ही छी, ओचे लारे झटपट मेल-मिलाप करती गे कङी इसड़े ना हो कि मुद्दई तनु न्यांयी नु सोंपे, ते न्यांयी तनु सिपाहीया चे हाथ सोंपती ङिये, ते तु कैदखाने मां नाखती ङिला जई।
कांकि नरीकार तां किहे, “मैं ठीक समय उपर दुधी सुणती गेहली, ते उद्धार चे ङिओ मैं दुधी सहायता करली।” ङेखा! हमा ठीक समय हाओ छै। ते नरीकारा कनु उद्धार गेहणे चा ङिओ वी हाओ छै।
तम्हानु पता ही छै कि ओचे बाद जब ओणे वा आशीष दुबारा गेहणी चाह्ली, ओनु नालायक समझले गेले। बल्ति ओणे हींजवे बाहती कर वे आशीष नु गेहणे चाह्ले, पर पश्चयाताप करने चा मौका नी मिड़ला।
पर जब तक ओ ङिओ, जानु “आज़” केहला जाये, अम्चे सामणे छै, हर हेक ङिओ हेके ङुजे ची हिम्मत ब़न्धाते रिहा, इसड़े ना हो कि तम्चे महु कुई वी पाप चे छल मां कठोर बणती जाओ।