10 ते हमा कुहाड़ा पेड़ा ची ज़हड़े चे उपर मेहला आला छै। ऐवास्ते जको-जको पेड़ आच्छे फल ना आणी, ओनु बाढती ते जाखते मां झोंकती ङिले जई
ओ सड़के चे किनारे अंजीरा चे दरख्त ङेखती कर गोढु गेला, ते पाना नु छोड़ती ओचे मां नेरे कहीं ना ङेखती कर ओनु केहले, “हमा कनु दुधे मां बल्ति कङी फल ना लाग़ो।” ते अंजीरा चे दरख्त तुरन्त सूखती गेले।
जिसे-जिसे पेड़ आच्छा फल ना आणी, ऊं बाढती ते जाखते मां नाखले जई।
कांकि जिसे बेले वे सावे दरख्ता लारे इसड़े करी, तां सूखे लारे का कोच्छ नी करले जई?”
ते हमा ही कुहाड़ा पेड़ा ची ज़हड़े चे उपर मेहला, ऐवास्ते जको-जको पेड़ आच्छे फल ना आणी, ओनु बाढती ते जाखते मां झोंकती ङिले जई।”
जको लड़ी माये मां छै, ते ना फली तां विनु ब़ा बाढती नाखे, जको फले विनु छांगे ताकि सुथरी हो ते ज्यादा फल आणो।
अगर कुई माये मां बणले ना रिही, तां वा लड़ी आलीकर भुकाती नाखली जाये ते सूखती जाये, ते लौक विनु चुणती कर, जाखते मां नाखती ङिये, ते वा ब़लती जाये।
ऐचा ध्यान रिहो कि तम्ही ओची आज्ञा ना टाला, जको तम्चे लारे बाता करे पला। जब वे, ङण्ड कनु नी बच सग़ले, जेह्णे ओची आज्ञा नी मनली, जेह्णे वानु धरती उपर चितावनी ङिली हुती, तब अम्ही ङण्ड कनु किवें बच सग़ु, अगर अम्ही ओची ना सुणु, जको स्वर्ग़ा कनु अम्हानु चितावनी ङिये?
पर वाहो भोंये अगर झाड़ ते ऊंठकटारे उग़ावे तां वा कुई कामा ची कोनी ते श्रापित हुवणे उपर छै। जाखते मां ब़ालती नाखणे विचा अन्त छै।