“जब तक तु आपणे मुद्दई चे लारे मार्ग़ा मां ही छी, ओचे लारे झटपट मेल-मिलाप करती गे कङी इसड़े ना हो कि मुद्दई तनु न्यांयी नु सोंपे, ते न्यांयी तनु सिपाहीया चे हाथ सोंपती ङिये, ते तु कैदखाने मां नाखती ङिला जई।
जब प्रधान याजका ते पाहरेदारा ने ओनु ङेखले, तां रौला मचाती कर केहले, “ओनु क्रूसा उपर चढ़ा, क्रूसा उपर।” पिलातुस ने वानु केहले, “तम्ही ही ओनु जती कर क्रूसा उपर चढ़ावा, कांकि मैं ऐचे मां कुई दोष कोनी ङेखला।”