42 बल्ति ईशु ने ङुजा वारी जती कर हा प्राथना करली, “हे माया ब़ा, अगर हा माये पिले बिना ना हट सग़ी तां दुधी इच्छा पुरी हो।”
ईशु ने उत्तर ङिला, “तम्ही ना जाणा कि का मांगा पले। जको मुंगर मैं पीणे उपर छै, का तम्ही पी सग़ा?” वाणे ओनु केहले, “पी सग़ु।”
बल्ति ओ थोड़ा नेरा उग़ते बधती कर मुँहा चे भराणे ढेला, ते हा प्राथना करली, “हे माया ब़ा, अगर हो सग़े तां हा मुंगर माये कनु टलती जाओ, तां वी जिसड़े मैं चाहवे उसड़े ना, पर जको तु चाहवी उसड़े ही हो।”
तब ओणे आती कर वानु बल्ति नूहले आले ङेखले, कांकि वांचीया आंखी नीङे लारे भरलीया पलतीया।
दुधा राज़ आओ, दुधी इच्छा जिंवे स्वर्ग़ा मां पुरी हुवे, यूंही धरती उपर वी हो।
ते केहले, “हे ब़ा, हे पिताजी, दुधे कनु सब कोच्छ हो सग़े, ऐ मुंगरा नु माये कनु हटाती गे। तां वी जिसड़े मैं चाहवे उसड़े ना, पर जको तु चाहवी उसड़े ही हो।”
“हे ब़ा, अगर तु चाहवी तां ऐ मुंगरा नु माये कनु हटाती गे, तां वी माई ना बल्कि दुधी ही इच्छा पुरी हो।”
कांकि मैं स्वर्ग़ा कनु आपणी मर्जी चे अनुसार काम करने चे वास्ते कोनी आला बल्कि नरीकारा ची मर्जी पुरी करु आला, जेह्णे मनु भेज़ले।
कांकि अम्चा महायाजक इसड़ा कोनी जको अम्ची कमजोरीया मां अम्चे लारे ङुखी ना हो सग़ो। बल्कि ओ सब बाता मां अम्चे आलीकर परखला गेला, तां वी निष्पाप रेहला।