बल्ति ओ थोड़ा नेरा उग़ते बधती कर मुँहा चे भराणे ढेला, ते हा प्राथना करली, “हे माया ब़ा, अगर हो सग़े तां हा मुंगर माये कनु टलती जाओ, तां वी जिसड़े मैं चाहवे उसड़े ना, पर जको तु चाहवी उसड़े ही हो।”
पर जिसे बेले तु प्राथना करी, तां आपणी भितरली कोठी मां जा, ते दरवाजे बन्द करती कर आपणे ब़ा नरीकार जको गुप्त मां छै प्राथना कर। बल्ति दुधा ब़ा नरीकार जको गुप्त मां ङेखी तनु फल ङिही।