44 “बल्ति वे उत्तर ङिये, ‘हे प्रभु, अम्ही तनु किसे बेले भुक्के, जा तरसेले, जा प्रदेसी, जा उघाड़े, जा बिमार, जा कैदखाने मां ङेखले ते दुधी सेवा-टहल कोनी करली?’
जको भविष्यवक्ता नु भविष्यवक्ता जाणती कर स्वीकार करी, ओनु भविष्यवक्ता चा फल मिली। ते जको धर्मी नु धर्मी जाणती कर स्वीकार करी, ओनु धर्मी चा फल मिली।
मैं प्रदेसी हुता ते तम्ही मनु आपणे घरे कोनी रोकले, मैं उघाड़ा हुता ते तम्ही मनु ओढ़णी कोनी घलाली, बिमार ते कैदखाने हुता ते तम्ही माई सुधि कोनी गेहली।’
“बल्ति मैं वानु उत्तर ङिही, ‘मैं तम्हानु सच्च किहे पला कि तम्ही यां छोटे महु छोटे कुई हेके लारे कोनी करले, ऊं माये लारे वी कोनी करले।’
धन्न छी वे, जको धार्मिकता चे भुक्के ते तरसेले आले छी, कांकि वे रज़ाले जाये।
ओ ङिओ ब़ोहत से लौक मनु किहे, ‘हे प्रभु, हे प्रभु, का अम्ही दुधे नांवा लारे भविष्यवाणी कोनी करली, ते दुधे नांवा लारे शैताना नु कोनी काढ़ले,ते दुधे नांवा लारे ब़ोहत से अचम्भे चे काम कोनी करले?’
पर ओणे आपणे आप नु धर्मी ठहराणे ची इच्छा लारे ईशु कनु पूछले, “तां माया पड़ोसी कूण छै?”