18 बल्ति किहा कि ‘अगर कुई वेदी ची कसम खाये तां कोच्छ कोनी, पर जको भेंट ओचे उपर छै, अगर कुई विची कसम खाये तां ऊं आपणी कसमी मां ब़झती जाये।’
“हे अन्धे अग़ुवे, तम्चे उपर हाय! जको किहा कि ‘अगर कुई मन्दरा ची कसम खाये तां कोच्छ कोनी, पर अगर कुई मन्दरा चे सोने ची कसम खाये तां ओचे लारे ब़झती जाये।’
हे बेवकूफ ते अन्धे लौक, कूण बङे छै, सोने जा ओ मन्दर जाये लारे सोने पवित्र हुवे?
हे अन्धे, कूण बङे छै, भेंट जा वेदी जाये कनु भेंट पवित्र हुवे?
पर तम्ही किहा कि अगर कुई आपणे ब़ा ते आई नु किहो, ‘जको कोच्छ तम्हानु माये कनु फायदा हुता ओ कुर्बान यानि भेंट चढ़ती चुकला।’
फेर वी मैं हर खतना कराणे आले नु चितावनी ङिये कि ओनु सारे मूसा चे व्यवस्था मनणे पड़े।