35 वांचे महु हेक व्यवस्थापक ने ओनु परखणे चे वास्ते ओकनु पूछले,
ईशु ने वांची दुष्टता जाणती कर केहले, “हे कप्पटी, मनु कां परखा पले?
“हे गुरु, व्यवस्था मां किसी आज्ञा बङी छै?”
तब फरीसी ओची परीक्षा गेहणे वास्ते आती कर ओकनु पूछले, “का ईं वाजिब छै कि मर्दा चे आपणी घराआली नु त्याग़णे?”
“हाय तम्हा व्यवस्थापका उपर! तम्ही ज्ञान ची कुंजी गेहती तां गेली, पर तम्ही आप ही ना जा सग़ले, ते जाणे आला नु वी रोकती ङिले।”
ईशु ने यहूदी धर्मशास्त्रीया ते फरीसिया कनु पूछले, “सब्त चे ङिओ कानु ठीक करने आच्छे छै जा कोनी?”
पर फरीसी ते शास्त्री ओकनु बपतिस्मा ना गेहती नरीकारा ची मन्सा नु आपणे बारे मां टालती ङिली।
ईशु नु परखणे चे वास्ते वाणे हा बात ओकनु पूछली, कि ऐचे उपर दोष लावणे वास्ते कुई बात मिलती जाओ। ते ईशु पग़्ग़ा चे भराणे हुला ते भोंये उपर आंगली लारे लिखु लाग़ला।
जेनास वकील ते अपल्लोस नु जत्तन करती कर उग़ते पुचाती ङे, ते ङेख, कि वानु कुई चीजी ची कमी ना हुती जायो।