27 तां वाणे ईशु नु उत्तर ङिला, “अम्ही ना जाणु।” ओणे वी वानु केहले, “तां मैं वी तम्हानु ना बावड़ी कि ईं काम किसे अधिकारा लारे करे।
वानु जऊं ङिया, वे अन्धे मार्ग़दर्शक छी। ते अगर अन्धा, अन्धे नु मार्ग़ ङिखाणे तां ङोनी ही खङे मां ढेती पड़े।”
ते सवेले किहा, ‘आज़ अन्धारी आवी, कांकि आसमान लाल ते धुंधला छै।’ तम्ही आसमाना चे लक्षण ङेखती कर ओचा भेद बावड़ सग़ा, पर समय चे चैन्हा चा भेद कां ना बावड़ सग़ा?
ते अगर किहुं, ‘इन्साना ची ओर कनु,’ तां अम्हानु भीड़ चा ङर छै, कांकि वे सारे मनी कि यूहन्ना भविष्यवक्ता छै।”
“तम्ही का सोचा? कुई बन्दे चे ङोन पूत हुते। ओणे पेहले पूता चे गोढु जती कर केहले, ‘ओ पूत, आज़ अंगूरा ची बाड़ी मां जती कर काम कर।’
ओणे केहले, “हा तां अचम्भे ची बात छै कि तम्ही ना जाणा कि ओह किठला छै, तां वी ओणे माया आंखी खोलती ङिलीया।
ते जिसे बेले वाणे नरीकारा नु सुजाणने ची कीमत ही ना जाणली, ऐवास्ते नरीकारा ने वी वानु वांचे निक्कमे मना उपर छोड़ती ङिले, कि अनुचित काम करो।
पर अगर अम्चे सुसमाचार उपर पड़दा पला आला छै, ते हा नाश हुवणे आला चे वास्ते ही पला आला छै।