हमा मैं तम्हानु दास नी किही, कांकि कुई दास ना जाणी कि ओचा मालिक का करे वे। बल्कि मैं तम्हानु मित्र किहे पला कांकि मैं तम्हानु हर हेक बात बावड़ती ङिली जको मैं आपणे ब़ा नरीकारा कनु सुणली।
सारा लौका नु ना बल्कि वां ग़वाह नु जानु नरीकारा ने पेहले कनु चुणती गेले हुते, यानि अम्हानु जेह्णे ओचे मरले आला महु जीते हुवणे चे बाद ओचे लारे खाले पिले।