“मैं तम्हानु किहे पला कि यूंही करती कर हेक मन फिरावणे आले पापीया चे बारे मां वी स्वर्ग़ा मां इतनी ही खुशी हुवी, जितना कि वां निन्याणवे इसड़े धर्मीया चे बारे मां नी हुवी, जानु मन फिरावणे ची जरुरत कोनी।
ऐवास्ते अम्ही वी नरीकारा चा धन्यवाद लगातार करते रिहुं, कि जब अम्चे जरिये नरीकारा चे सुसमाचार चा वचन तम्चे गोढु पुज़ला, तां तम्ही ओ बन्दे चा ना, पर नरीकारा चा वचन समझती कर ग्रहण करला, ते ओ तम्चे मां जको विश्वास राखा, असरदार छै।