ते वे इसड़ीया मनघड़न्त कहाणीया ते बेअन्त पीढ़ीया उपर मन ना लावा, जाये कनु लड़ाई-झगडे़ हुवी, ते नरीकारा ची वा इच्छा चे अनुसार कोनी, जको विश्वास लारे ही पुरी हो सग़े, यूंही ही मैं बल्ति किहे पला।
बदड़ली आली विचित्र प्रकार ते अणजाण शिक्षा चे बहकावे मां ना बहकजा। दिला वास्ते सही छै कि ऊं अनुग्रह चे जरिये मजबूत करले जाओ, ना कि खाणे चे चीजा जरिये, खान-पान चे सम्बन्धी प्रथा चे जरिये काये भले कोनी हुले।