5 कोच्छ बीज पत्थरीली भोंये उपर ढेले, जिठे वानु घणी माटी कोनी मिड़ली ते गहरी माटी ना मिलणे ची वजह वे जल्दी उग़ती आले।
ते जको पत्थरीली भोंये उपर राहले गेले, ये वे छी, जको वचना नु सुणती कर तुरन्त खुशी लारे मनती गिही।
राहते बेले कोच्छ मार्ग़ चे किनारे ढेले ते पखीयां ने आती कर वानु चुग़ती गेले।
ते जब सूरज निकड़ला तां ब़लती गेले, ते ज़हड़ ना पकड़ने ची वजह सूखती गेले।
यूंही जको पत्थरीली भोंये उपर राहले जाये, ये वे छी जको वचना नु सुणती कर तुरन्त खुशी लारे मनती गिही।
कोच्छ पत्थरीली भोंये उपर ढेले, जिठे वानु घणी माटी कोनी मिड़ली, ते गहरी माटी ना मिलणे ची वजह वे जल्दी उग़ती आले,