यां बाता चे बाद प्रभु ईशु ने सत्तर नेरे चैला नु नियुक्त करले, ते जिसे-जिसे शहरा ते जग़हा नु ओह आप जाणे आला हुता, उठे वानु ङोन-ङोन करती कर आपणे आग़ु भेज़ले
प्रभु ने केहले, “अगर तम्हानु राई चे ङाणे चे बराबर वी विश्वास हो, तां तम्ही ऐ सतूता चे दरख्ता नु किहा, ‘जड़ही कनु उखड़ती कर समुन्दरा मां लाग़ती जा,’ तां ओ तम्ची मनती गिहा।
जक्कई ने प्रभु नु भिले रेहती कर केहले, “हे प्रभु, ङेख, मैं आपणी आधी जायजात कंगाला नु ङिये पला, ते अगर काये कोच्छ वी अन्याय करती कर गेहले तां ओनु मैं चार गुणा पुठा फेरती ङिही।”
तब प्रभु ने घूमती कर पतरस ची तरफ ङेखले, ते पतरस नु प्रभु ची वा बात याद आली जको ओणे केहली हुती, “आज़ कूकड़े चे बांग ङेणे कनु पेहले, तु तीन वारी माया इन्कार करे।”
जिसे बेले ओह शहरा चे दरवाजे चे गोढु पुज़ला तां लौक हेक मुड़दे नु ब़ाहर चली जई पलते। जको आपणी आई चा हिकड़ाता चा पूत हुता, ते वा बांढी हुती ते शहरा चे घणे सारे लौक ओचे लारे हुते।
हे माये भऊ ते ब़ेहणीया अम्ही ना चाहु, कि तम्ही वांचे बारे मां जको विश्वास करने आला नूहती रिहे, ना समझ रिहा, इसड़े ना हो कि, तम्ही नेरा आलीकर शोक मनावा, जानु उम्मीद कोनी।