ते लौक नवां अंगूरा चा रस पुराणीया मशका मां ना भरी, कांकि इसड़े करने लारे मशका फड़ीती जई, पर नवां अंगूरा चा रस नवींया मशका मां भरी, ते वे ङोनी बचती जई।”
कांकि कसरत लारे शरीरा नु थोड़ा फायदा तां हुवे वे, पर नरीकारा ची भग़ती सारीया बाता चे वास्ते लाभदायक छै, कांकि ऐ समय ची ते आणे आले जीवन ची आशीषा ची प्रतिज्ञा ऐचे वास्ते छै।
ते जको सिंहासन उपर ब़ेहला हुता, ओणे केहले, “ङेखा, मैं सारे कोच्छ नवें करती ङिये पला।” बल्ति ओणे केहले कि ऐनू लिखती गे कि, “कांकि हा वचन विश्वास चे लायक ते सच्च छै।”