लुदिया नांवा ची थुआथीरा शहरा ची हेक असतरी प्रभु उपर विश्वास राखणे आली हुती। वा मंहगी बैंजनी रंगा ची ओढ़णी बेचणे आली हुती वा बङे ध्यान लारे अम्चीया बाता सुणे पलती। प्रभु ने विचे मना चे दरवाजे खोलती ङिले ताकि, जको कोच्छ पौलुस किहे पलता, वा बाता नु ध्यानारीत सुणो।